आगरा में एटीएम ठगी का नया तरीका, कार्ड स्लॉट में फेवीक्विक डालकर लूट की कोशिश

आगरा में एटीएम ठगी का नया तरीका आया सामने


उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में एक अनोखी और चौंकाने वाले एटीएम ठगी  के मामले ने पुलिस और बैंक प्रशासन दोनों को सर्तक कर दिया है| यह घटना तक सामने आई जब एक युवक ने अलग-अलग स्थानों पर एटीएम मशीनों के कार्ड स्लॉट में फेवीक्विक जैसे चिपकने वाले पदार्थ को डालकर लोगों के एटीएम कार्ड अटका दिए, जिससे लोगो को पैसे निकालने में परेशानी हुए| यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, और अब पुलिस आरोपी युवक की तलाश में जुट गई है| 

क्या है पूरा मामला? 

एत्मादौला क्षेत्र की नूनीहाई  पर स्थित दर्जी मिशान भंडार के पास हिताची कंपनी का एटीएम लगा हुआ है| यहां एक युवक काले कपड़े और काली टोपी पहनकर पहुंचता है| वह पहले अपने पैंट की जेब से एटीएम कार्ड निकलता है और उसे मशीन में डालने की कोशिश करता है|

कुछ सेकंड बाद, युवक आपने दाहिने हाथ से फेवीक्विक की ट्यूब निकालता है और कार्ड डालने वाली स्लॉट में फेवीक्विक भर देता है| इसके बाद वह कार्ड से कुछ चेक करता है और वहां से चला जाता है| 

लोगों के कार्ड चुपके 

कुछ देर बाद एक अन्य व्यक्ति रुपए निकालने आता है| जैसे ही वह अपना कार्ड डालता है, उसका कार्ड मशीन में चिपक जाता है| वह व्यक्ति काफी देर तक परेशान रहता है, लेकिन कार्ड नहीं निकलता| बाद में वह एटीएम संचालक प्रशांत कुमार को पूरी घटना की जानकारी देता है| 

दूसरी जगह भी दोहराई वारदात 

इस घटना के दो दिन बाद, उसी युवक को ट्रांस यमुना थाना क्षेत्र के टेडी बगिया स्थित एटीएम में भी देखा गया| उसने वहां भी उसी तरीके से कार्ड डालने वाली जगह पर फेवीक्विक डालकर लोगों को फंसाया| एटीएम कंपनी की ओर से घटना की शिकायत ट्रांस यमुना थाने में दी गई| 

ठगी की प्रकिया कैसे फसते है लोग ? 

कैसे ही अगला व्यक्ति पैसे निकालने आता है और अपना कार्ड डालता है, उसका कार्ड मशीन में फंस जाता है और बाहर नहीं निकालता| ठगी का यह तरीका बेहद चलाकी से किया जाता है ताकि लोगों को लगे कि मशीन खराब है| जब व्यक्ति कार्ड नहीं निकाल पाता , तो वह अक्सर आसपास खड़े किसी व्यक्ति से मदद मांगता है 

पुलिस को मिली शिकायत, सीसीटीवी से मिला सुराग 

एटीएम मशीनों के संचालक प्रशांत कुमार ने घटना के तुरंत बाद पुलिस को सूचित किया और फुटेज की जांच की गई| वीडियो फुटेज में युवक की गतिविधियां स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है| एटीएम कंपनी ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है| 

क्या यह अकेले का कम है या गैंग सक्रिय है? 

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह मामला सुनियोजित ठगी का प्रतीत हो रहा है| विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की हरकतें आमतौर पर गैंग के लोग करते है, जो पूरे शहर में अलग-अलग जगहों पर एक जैसी ट्रिक का इस्तेमाल करते है| इससे पहले भी बड़े शहरों में इस तरह के मामले सामने आए है, जहां कार्ड स्लॉट को किसी चिपचिपे पदार्थ या नकली डिवाइस से ब्लॉक कर दिया जाता है ताकि कार्ड फंस जाए और ठग बाद में कार्ड चुरा लें या जानकारी चुराकर पैसे निकाल लें| 

बैंक और एटीएम कंपनियां को मिली चेतावनी 

इस घटना के बाद बैंकों और एटीएम कंपनियों को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की सलाह दी गई है| खासकर यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि एटीएम मशीनों पर नियमित जांच की जाए, सुरक्षा गार्ड नियुक्त हों और हर स्थान पर कार्यशील CCTV कैमरे लगे हों| 

लोगों को जागरूक होने की जरूरत 

आम जनता को भी सतर्क रहना चाहिए| ऐसे मामलों से बचने के लिए निम्न सावधानियां जरूरी है 

1. कार्ड डालने से पहले स्लॉट को एक बार ध्यान से जांचें| 
2. कोई भी अजनबी अगर मदद करने की कोशिश करे, तो सतर्क रहें| 
3. कार्ड मशीन में फंस जाए तो तुरंत बैंक हेल्पलाइन या पुलिस को सूचित करे| 
4. एटीएम से पैसे निकालने के लिए हमेशा भीड़-भीड़ वाले और गार्ड युक्त स्थान का ही उपयोग करें| 

कानूनी कार्रवाई और आने वाले प्रकिया 

पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की पहचान में जुटी है| जल्द ही उसकी गिरफ्तारी हो सकती है| यही आरोपी पकड़ा गया, तो उस पर धारा 420 ( धोखाधड़ी ), 406 ( विश्वासघात ) और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है| 

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