आगरा। आरबीएस इंजीनियरिंग टेक्निकल कैंपस (RBS Engineering Technical Campus) के इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। छात्रों ने SCARA रोबोट आर्म और लेज़र तकनीक को मिलाकर एक ऐसी मशीन तैयार की है, जो उच्च सटीकता के साथ लकड़ी, एक्रेलिक और प्लास्टिक पर साफ़ और स्पष्ट डिज़ाइन बनाने में सक्षम है।
SCARA रोबोट आर्म की खासियत
छात्रों द्वारा विकसित यह रोबोट आर्म चार डिग्री ऑफ़-फ्रीडम के साथ तेज़ और सपाट गति प्रदान करता है, जो विशेष रूप से उत्कीर्णन (Engraving) के लिए उपयुक्त है। यह रोबोट आर्म Denavit-Hartenberg मॉडल पर आधारित काइनेमैटिक्स का उपयोग करते हुए X-Y-Z अक्षों में काम करता है। साथ ही, इसमें लगे लेज़र मॉड्यूल को PWM (Pulse Width Modulation) तकनीक द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिससे बिजली और उत्कीर्णन की गहराई को आसानी से समायोजित किया जा सकता है।
आधे समय में हो जाता है काम
छात्रों ने बताया कि इस रोबोट आर्म की मदद से सामान्य मशीनों की तुलना में लगभग आधे समय में काम पूरा हो जाता है। इस मशीन से बिना किसी जटिल ट्रेनिंग के भी आसानी से काम किया जा सकता है। आम व्यक्ति भी इसका इस्तेमाल कर सकता है, जिससे यह इंडस्ट्री में समय और लागत दोनों की बचत करेगा।
प्रोजेक्ट टीम और मार्गदर्शन
इस अत्याधुनिक मशीन को इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष के छात्रों अर्पित गर्ग, सिद्धार्थ सिंह और विक्रांत सोलंकी ने डॉ. नितिन अग्रवाल के मार्गदर्शन में तैयार किया है। टीम का कहना है कि उनका उद्देश्य भारत में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना और इंडस्ट्री के लिए कम लागत वाली सटीक मशीनें उपलब्ध कराना है।
संस्थान ने सराहा छात्रों का प्रयास
संस्थान के निदेशक (अकादमिक) प्रो. बीके सिंह ने इस शोध कार्य के लिए पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि आरबीएस संस्थान हमेशा ऐसे शोध और नवाचार को प्रोत्साहित करता है। वहीं निदेशक (प्रशासनिक एवं वित्त) प्रो. पंकज गुप्ता ने इस मशीन की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट भारतीय टेक्नोलॉजी और युवा प्रतिभा का बेहतरीन उदाहरण है।
जल्द आएगी बाजार में, तय होगी कीमत
संस्थान की ओर से जानकारी दी गई कि इस रोबोट आर्म को जल्द ही बाजार में लॉन्च किया जाएगा। इसकी कीमत भी जल्द तय की जाएगी, ताकि इंडस्ट्री और छोटे उद्यमी भी इसका लाभ उठा सकें।
निष्कर्ष
इस तरह के नवाचार न केवल भारत को तकनीक के क्षेत्र में आगे ले जाने का काम करेंगे बल्कि युवाओं को इनोवेशन की दिशा में नई प्रेरणा देंगे।