मथुरा में यमुना का जल प्रकोप: बाढ़ से बढ़ी मुसीबत, हजारों लोग प्रभावित
मथुरा में इन दिनों यमुना नदी उफान से जूझ रही है| लगातार हो रही बारिश और ऊपरी इलाकों से छोड़े जा रहे पानी ने हालात बिगाड़ दिए है| यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके चलते शहर की कई कालोनियां जल से भर चुकी है और हजारों लोगों प्रभावित है| प्रशासन की ओर से रेक्यू अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है|
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर
मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है| खतरे का निशान 166 मीटर पर है, लेकिन नदी का पानी इससे लगभग 35 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है| ताजे वाला, ओखला और हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी का सीधा असर मथुरा और वृंदावन पर दिख रहा है| नदी का जल स्तर हर घंटे बढ़ता ही जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है|
12 से ज्यादा कॉलोनियों में जल भारा
यमुना के बढ़ते पानी ने मथुरा के शहर और कॉलोनियों को आपने चपेट में ले लिया है| घरों के अंदर पानी घुस चुका है, सड़कों पर नाव चलने जैसी स्थिति बन चुकी है| कई इलाकों में मकानों और दुकानों में अपनी घुस चुका है यह तक वृंदावन के कालीघाट, देवरा बाबा घट, पानी घाट, श्याम कुटी समेत 12 क्षेत्रों में लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए है|
शेल्टर होम में पहुंचा प्रभावित परिवार
प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 25 शेल्टर होम बनाए गए है| जो कि लोग वहां सुरक्षित रहे, मंगलवार तक लभभग 913 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया का चुका है| इसमें मथुरा के तहसील के 800 लोग, और छाता के 50, मांट के 38 और महावन के 25 लोग शामिल है| प्रशासन ने न सिर्फ लोगों को शीटर होम में रखा है बल्कि लगभग 375 पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है|
शासन और भोजन की व्यवस्था
बाढ़ से जो लोग बेघर हुए है उनके के लिए प्रशासन ने भोजन और राशन की भी व्यवस्था की गई है| जिला प्रशासन के अनुसार, अब तक लगभग 1100 लोगों को भोजन खिलाया गया और 1050 राशन किट बांटी गई है| इसमें मथुरा के तहसील में 250, छाता में 250, मांट में 150 और महावन में 400 राशन किट लोगो में बांट दी गई है|
सड़कों तक पहुंचा यमुना का पानी
लागतार बढ़ते जलस्तर के चलते यमुना का पानी घाटों को पर कर सड़कों तक पहुंच गया है| नौहझील, शेरगढ़, वृंदावन, मथुरा और गोकुल के कई इलाके पानी से घिर चुके है| गली-मोहल्लों में नाव और ट्रैक्टर के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा जा रहा है|
मकानों में घुसा पानी, पलायन शुरू
निचले इलाके के कई मकान पूरी तरह से डूब चुके है| जो लोग ऊंचे मकानों में रह रहे थे, वे भी अब सुरक्षित स्थानों की तलाश में निकल पड़े है| कही लोग ट्रैक्टर पर तो कही बैलगाड़ी और बग्गी पर सामान लादकर पलायन करते नजर आ रहे है| हालात इतने खराब है कि घरों के भीतर रखा सामान पूरी तरह भीग चुका है|
प्रशासन और पुलिस का अलर्ट
प्रशासन और पुलिस लगातार यमुना किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर रही है| अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि यह सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं| वृंदावन में सीओ और एडीएम ने नाविकों से बैठक कर यमुना में नाव न चलाने का निर्देश दिया है|
अगले तीन दिन और बढ़ सकता है संकट
मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों में यमुना का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है| इसका मतलब है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हालात और बिगड़ सकते है| प्रशासन ने टीमों को अलर्ट पर रखा है और राहत कार्य लगातार जारी है|
स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ी
बाढ़ की वजह से स्थानीय लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है| कई इलाकों में पीने के पानी और बिजली की समस्या पैदा हो गई है| लोग राजमार्ग की जरूरतों के सामान के लिए भी परेशान है| दुकानों और बाजारों में पानी भर जाने से कारोबार ठप हो गया है|
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरें
सोशल मीडिया पर मथुरा की बाढ़ की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे है| डूबे मकानों और सड़कों पर तैरते पानी के वीडियो ने लोगों को चिंतित कर दिया है| कई लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे है|
यमुना का उफान मथुरा और आसपास के इलाकों लिए बड़ी चुनौती बन गया है| प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुट गया है, लेकिन हालात कब तक सामान्य होंगे, यह कहना मुश्किल है| आने वाले दिनों में यदि पानी का स्तर और बढ़ा तो स्थिति और गंभीर हो सकती है|
मथुरा का मौसम: यमुना उफान पर बारिश से बढ़ी चिंता
मौसम विभाग ने अगले 24-48 घंटों के लिए भरी बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है| तेज हवाओ के साथ गरज-चमक भी हो सकती है| फिलहाल दिन का तापमान 29-31 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है, जबकि रात का पारा 25-26 डिग्री तक रह सकता है|
स्थानीय लोगों के लिए हालात चिंता का विषय है| कई परिवार छतों और ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए है| किसान भी पानी भर जाने से फसलों को लेकर परेशान है|
सावधानी की सलाह
1. नदी किनारे और निचले इलाकों में जाने से बचें|
2. मौसम विभाग की चेतावनी पर ध्यान दें|
3. बिजली और बारिश के समय खुले स्थानों में खड़े न हों|
