आगरा जिले के खेरागढ़ क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया| गुरुवार दोपहर लगभग ढाई बजे डुंगरवाला ऊंटगन नदी के घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्रित हुई थी| लोग पारंपरित रीति-रिवाजों के अनुसार मां दुर्गा की प्रतिमा का विर्सजन करने पहुंचे थे| महिलाएं नदी किनारे रुक गई जबकि युवक प्रतिमा को कंधे पर उठाकर नदी के भीतर चले गए|
जैसे ही विसर्जन की प्रक्रिया शुरू हुई, अचानक नदी में गहराई और तेज बहाव के कारण 7 युवक पानी में डूबने लगे| वहां मौजूद लोग चीख-पुकार करने लगे| हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई|
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे| तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया| नाव और गोताखोरों की मदद से नदी में तलाश की जा रही है| पुलिस ने बताया कि भोला नामक युवक को नदी से बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन उसकी हालत गंभीर बनी हुई है| बाकी 6 युवक अभी भी लापता है|
लापता युवकों की पहचान
हादसे में लापता युवकों की पहचान इस प्रकार है
. सचिन महावत ( 15 वर्ष ) पुत्र रामदत्त सिंह
. ओम ( 18 वर्ष ) पुत्र किशन सिंह
. भगवती ( 20 वर्ष ) पुत्र मुरारीलाल
. हर्ष ( 20 वर्ष ) पुत्र यादव
. गगन
. ओमपाल
इस सभी की तलाश जारी है| परिवारजन और ग्रामीणों की भीड़ घट पर उमड़ पड़ी है|
प्रतिमा के सामने रोते-बिलखते परिजन
सबसे हृदयविदारक दृश्य यह रहा कि जिस प्रतिमा का विर्सजन किया जाना था, उसी प्रतिमा को पकड़कर परिजन रोते-बिलखते रहे| महिलाएं और लड़कियां मां दुर्गा की मूर्ति से लिपटकर हाथ जोड़ सलामती की प्रार्थना करती रही|
गांव की महिलाओं ने कहा
"मां दुर्गा इन बच्चों को बचा लो, सुरक्षित वापस भेज दो|"
यह दृश्य देखकर घाट पर मौजूद हर कोई भावुक हो उठा|
हादसे का कारण
स्थानीय लोगों के अनुसार नदी में जलस्तर सामान्य से अधिक था| इसके अलावा विसर्जन के दौरान युवक अचानक गहराई में चले गए और तेज बहाव के कारण डूबने लगे| ग्रामीणों ने बचाने की कोशिश की लेकिन धारा इतनी तेज थी कि युवक बह गए| विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षा इंतजाम की कमी भी हादसे का बड़ा कारण बनी|
मौके पर अफसरों की मौजूदगी
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक अमला तुरंत सक्रिय हो गया|
. डीसीपी वेस्ट अतुल शर्मा
. चेयरमैन सुधीर गर्ग
. स्थानीय थाना पुलिस
सभी मौके पर मौजूद है और रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे है|
ग़म और मातम का माहौल
हादसे की खबर पूरे गांव और आसपास के इलाकों में आग की तरह फैल गई| परिजन बार-बार घाट पर पहुंच रहे है| कुछ लोग बेहोश हो रहे है तो कुछ गम में चिल्ला रहे है| परिवारजन का कहना है कि बच्चे पूजा-अर्चना के बाद बड़ी खुशी से प्रतिमा विसर्जन के लिए गए थे| किसी ने सोचा भी नहीं था कि कुछ ही पलों में यह खुशी मातम में बदल जाएगी|
सुरक्षा को लेकर सवाल
यह हादसा कई सवाल खड़े करता है
. क्या नदी में पुलिस और गोताखोर पहले से मौजूद थे?
. क्या स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा घेरा लगाया था?
. इतनी भीड़ में किसी तरह का रोक-टोक क्यों नहीं की गई?
स्थानीय लोग प्रशासन को लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे है|
भावनात्मक अपील
मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने परिजनों का रो-रोकर कहना था
"मां, हमारी संतानों को बचा लो| यह पर्व तो सुख-शांति का होता है, इसे मातम का कारण मत बनने दो|"
इन शब्दों ने वहां मौजूद हर किसी की आँखें नाम कर दी|
अपडेट जारी
पुलिस और SDRF टीम लगातार नदी में गोताखोरी कर रही है| समाचार लिखे जाने तक 6 युवक अभी भी लापता थे| प्रशासन ने कहा है कि जब तक सभी युवकों का पता नहीं चलता, रेस्क्यू अभियान जारी रहेगा|
आगरा का यह हादसा त्यौहारों के दौरान लापरवाही और सुरक्षा की कमी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है| दुर्गा पूजा और विसर्जन जहां आस्था और श्रद्धा का पर्व माना जाता है, वहीं इस तरह के हादसे त्योहार की खुशियों को मातम में बदल देते है| लोग अब यही दुआ कर रहे है कि लापता युवक सुरक्षित मिल जाएं और मां दुर्गा उन्हें अपनी कृपा से जीवनदान दे|