आगरा जिले के खेरागढ़ क्षेत्र में रविवार को चौथे दिन भी नदी में डूबे युवकों की तलाश जारी रही| 2 अक्टूबर को मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए इस भीषण हादसे में 13 युवक नदी में बह गए थे| इनमें से अब तक 6 के शव निकाले जा चुके है, जबकि 7 युवक अब भी लापता है| एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और पुलिस की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है| नदी का बहाव रोकने और तलाशी में आसानी के लिए स्थानीय लोगों ने 40 मीटर लंबा अस्थायी बांध ( Temporary Dam ) बना डाला है|
घटना कैसे हुई
2 अक्टूबर की शाम गांव कुसियापुर ( खेरागढ़ ) के 13 युवक मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के लिए ऊटंगन नदी पहुंचे थे| प्रतिमा विसर्जन के दौरान नदी का जश्र अचानक बढ़ गया युवक बहाव में बह गए| स्थानीय लोगों ने किसी तरह एक युवक विष्णु को बचा लिया, लेकिन बाकी युवक नदी में समा गए| अगले दो दिनों में पांच शव - गगन, ओमपाल, मनोज, भगवती और अभिषेक बरामद कर लिए गए| बाकी सात युवक - सचिन, हरेश, विनेश, गजेन्द्र, दीपक और करण का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है|
स्थानीय युवकों ने बनाया 40 मीटर लंबा अस्थायी बांध
इस घटना के बाद गांव के सैकड़ों युवा दिन-रात नदी किनारे डटे हुए है| सर्च ऑपरेशन को आसान बनाने के लिए लगभग 550 युवकों ने 40 मीटर लंबा अस्थायी बांध तैयार किया है| बोरियों में मिट्ठी भरकर नदी के बीच में डाले गए है ताकि पानी का बहाव रोका जा सके| इस काम में 7 JCB मशीनें, 3 पोकलेन और हाइड्रा मशीनें लगातार लाई है|
स्थानीय लोगों के मुताबिक, 250 मीटर क्षेत्र में पानी के बहाव को रोका गया है और नदी की धारा को दूसरी ओर मोड़ गया है ताकि तलाशी अभियान चलाना संभव हो सके| फजीहतपुर और निमैना चेकडैम के पट बंद कर दिए गए है ताकि पानी का स्तर नियंत्रित रहे|
परिजनों की आंखों अब भी टिकी है नदी पर
घटनास्थल पर लापता युवकों के परिजन नदी किनारे डेरा डाले हुए है| कई परिवारों ने घर जाना छोड़ दिया है और वहीं अस्थायी टेंट लगाकर दिन-रात अपने बच्चों की तलाश की खबर का इंतजार कर रहे है| लोगों की आंखों में उम्मीद और दर्द दोनों साफ झलकता है| परिजनों का कहना है कि जब तक आखिरी युवक नहीं मिल जाता, वे यहां से नहीं जाएंगे|
सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार मुस्तैद
खोज अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की करीब 100 जवानों की टीमें लगी हुई है| टीमें गोताखोरों की मदद से नदी में बार-बार तलाशी ले रही है| पानी के तेज बहाव के कारण तलाशी अभियान में मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन बांध बनने से अब राहत मिल रही है|
एसडीएम खेरागढ़ के अनुसार,"सर्च ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक आखिरी युवक का पता नहीं चल जाता| सेना और आपदा राहत दलों की टीमें लगातार निगरानी में है|"
नदी की धारा मोड़ने की बड़ी कोशिश
नदी की मुख्य धारा को डूब क्षेत्र से हटाकर नाले के जरिए दूसरी ओर मोड़ दिया गया है| इससे सर्च ऑपरेशन क्षेत्र में पानी का स्तर कम हुआ है| पोकलेन मशीनों से खुदाई कर पानी को डायवर्ड किया गया है| स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों ने मिलकर नाले के रास्ते से पानी निकालने की व्यवस्था की है| इससे गोताखोरों को नदी तल तक पहुंचने में मदद मिल रही है|
पूरा इलाका शोक में डूबा
कुसियापुर और आसपास के गांवों में मातम पसरा हुआ है| हर घर किसी न किसी का रिश्ता इन 13 युवकों से जुड़ा है| हजारों लोग नदी किनारे जमा है| जैसे-जैसे सर्च ऑपरेशन आगे बढ़ता है, सभी की नजरें की नजरें नदी पर टिकी रहती है| गांव की महिलाएं नदी तट पर बैठकर भजन गा रही है और सुरक्षित वापसी की दुआ कर रही है|
इनकी मदद से चल रहा सर्च ऑपरेशन
. 550 युवक जुटे है बांध बनाने में
. 100 जवान जुटे है सर्च ऑपरेशन में
. 7 जेसीबी की नाला बनाने में ली मदद
. 3 पोकलेन से की जा रही खुदाई
. 40 मीटर लंबा स्थानीय बांध बनाया
. 250 मीटर के क्षेत्र में नदी का पानी रोकने की कवायद
. 4 हाइड्रा समान उठाने के लिए लगाए गए है
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि अफवाहों से दूर रहें और सुरक्षा नियमों का पालन करें| डीएम आगरा ने कहा है कि सर्च ऑपरेशन के लिए सभी संसाधन जुटाए जा रहे है| स्थानीय युवकों की भागीदारी सराहनीय है, जिन्होंने बिना रुके दिन-रात काम किया|
गांव के एक युवक की बात
कुसियापुर निवासी एक युवक ने बताया
"हमारे भाई और दोस्त नदी में डूबे है| जब तक सभी को नहीं निकाल लिया जाता, हम चैन से नहीं बैठेंगे| हमने खुद बांध बनाया ताकि पानी रुक सके और टीमों को मदद मिले|"
परिवारों की गुहार
लापता युवकों के माता-पिता हर गुजरते घंटे के साथ बेचैनी में है| कई परिवार ने बताया कि उनके बेटे सुबह दुर्गा विसर्जन के लिए गए थे, और अब तक लौटे नहीं| गांव की गलियों में सन्नाटा है, मंदिरों में शांति से दीप जलाकर सभी भगवान से प्रार्थना कर रहे है|
सरकार और प्रशासन पर नजर
राज्य सरकार ने घटना की जानकारी लेकर रातह कार्यों की समीक्षा की है| वरिष्ठ अधिकारी लगातार मौके पर कैंप कर रहे है| सूत्रों के अनुसार, सर्च ऑपरेशन के लिए अतिरिक्त टीमों की भी मांग की गई है ताकि जल्द से जल्द सभी युवकों को ढूंढा जा सके|
उम्मीद अब भी बाकी है
चार दिन बीत चुके है, लेकिन उम्मीदें अब भी बाकी है| आगरा के खेरागढ़ के लोग एकजुट होकर इस त्रासदी से निपट रहे है| नदी की लहरों के बीच गुम हुए सात युवकों को ढूंढने की जद्दोजहद जारी है| हर कोई यही दुआ कर रहा है कि सर्च ऑपरेशन जल्द सफल हो और सभी युवकों का पता चल सके|
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