घटना का पूरा विवरण
आगरा के ट्रांस यमुना क्षेत्र के टेढ़ी बगिया इलाके में रविवार रात एक बड़ा मामला सामने आया| आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज के कारण पूजा नामक महिला की मौत हो गई गई| मृतका का शव पूरी रात क्लीनिक के अंदर पड़ा रहा, जकी आरोपी डॉक्टर मौके से फरार हो गया| सुबह जब एक महिला दवा लेने के लिए क्लीनिक पहुंची तो उसने चारपाई पर शव देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी|
पुलिस ने माले पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया| साथ ही क्लीनिक से ग्लूकोज की बोतलें, इंजेक्शन, कुर्सियां, दवाइयां और चारपाई बरामद की गई|
पीड़ित परिवार का बैकग्राउंड
मूल रूप से एटा निवासी सुनील की शादी आठ साल पहले शिकोहाबाद की पूजा से हुई थी| दंपत्ति की तीन बेटियां है - पांच वर्षीय पारी, तीन वर्षीय दिव्यांशी और एक वार्षिक अनन्या| यह परिवार लगभग 15 दिन पहले ही जीवन नगर में किराए पर रहने आया था| घटना की रात पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ| इसके बाद सुनील अपने ठेकेदार के पास चला गया, वह पेशे से पुताई का काम करता है| रात लगभग 11 बजे पूजा को पेट में तेज दर्द हुआ| वह अकेले ही इलाज के लिए पास के झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक पर पहुंची|
इलाज के दौरान महिला की मौत
आरोप है कि डॉक्टर ने बिना सही मेडिकल जांच किए इंजेक्शन और दवाइयां दे दी, जिससे पूजा की हालत बिगड़ती चली गई और लगभग रात 12 बजे उसकी मौत हो गई| डॉक्टर ने पुलिस या परिवार को सूचना देने के बजाय शव को क्लिनिक में ही छोड़ दिया और फरार हो गया|
पुलिस जांच और कार्रवाई
पुलिस के अनुसार आरोपी रामजी लाल वर्षों से इस क्लीनिक को चला रहा था और वहीं पर रहता भी था| अभी वह फरार है| पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की लताश जारी है| शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है ताकि मौके के सही कारणों का पता चल सके|
स्थानीय लोगों का आरोप - बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था क्लीनिक
स्थानीय लोगों का कहना है कि क्लीनिक लंबे समय से बिना रजिस्ट्रेशन और बिना किसी लाइसेंस के चल रहा था| कई बार शिकायतें की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई| इस घटना ने इलाके में आक्रोश पैदा कर दिया है|
झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम की जरूरत
उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है| ऐसे लोग बिना किसी डिग्री या अनुभव के मेडिकल प्रैक्टिस करते है, जिससे मरीजों की जान खतरे में रहती है| स्वास्थ्य विभाग के पास इस तरह के क्लिनिक को बंद कराने और दोषियों पर कारवाई करने की जिम्मेदारी होती है|
आगरा में झोलाछाप इलाज से मौतों के मामले
1. एत्मादपुर ( आगरा )
. हाल ही में एतमादपुर के मुड़ी चौराहा स्थित "कृष्णा क्लीनिक" में ऐसा मामला सामने आया है|
. वहां एक व्यक्ति, सत्यवीर सिंह नाम का 40 वर्षीय आदमी, सर्दी-बुखार की शिकायत लेकर आपने बेटे के साथ क्लीनिक गया|
. डॉक्टर ( या झोलाछाप ) ने इंजेक्शन दिया| उसके बाद उसकी हालत बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया|
. ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया कि इस लापरवाही की वजह से मौत हुई|
2. तीन टीबी मरीज की मौत
. पूरनपुर गांव, करीब 40 किमी दूर आगरा से|
. 14 वर्षीय कैंटीवीर नाम का लड़का, जो कि TB ( तपेदिक ) से पीड़ित था, झोलाछाप ने गलत दवा दी|
. ठीक से इलाज नहीं हुआ, हालत बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया|
. इस घटना के बाद स्थानीय लोग झोलाछाप के खिलाफ आक्रोशित हुए और पुलिस कारवाई की मांग की|
प्रशासन की कार्रवाई और अभियान
1. अवेयरनेस कैंपेन
. आगरा के स्वास्थ्य विभाग ( Health Department ) ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जागरूकता अभियान शुरू किया है| CMO ( Chief Medical Officer ) ने कहा है कि Indian Medical Association की मदद से ये काम किया जा रहा है|
. स्लम इलाकों और पानी के आप-पास के इलाकों में रिवॉल्विंग ऋषिक्य-बैनर, लाउडस्पीकर द्वारा लोगों को चेतावनी देना, ASHA व ANM कार्यचारियों द्वारा घर-घर जाकर सूचना देना आदि उपाय किए जा रहे है|
2. क्लिनिकों की छापेमारी और सीलिंग
. कई अवैध, अधिकृत क्लिनिकों को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बंद किया है| उदाहरण के लिए, नगला पार सोटी क्षेत्र में तीन अवैध क्लिनिक सील किए गए, क्योंकि वहां चिकित्सक बिना मान्यता या लाइसेंस के इलाज कर रहे थे|
. किरावली कस्बा में एक झोलाछाप पॉली क्लिनिक पर छापा मारा गया, झोलाछाप व्यक्ति पकड़ा गया और FIR दर्ज की गई|
3. FIR दर्ज करना
. प्रशासन ने कई मामलों में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज की है| उदाहरण के लिए, आगरा में 11 झोलाछाप लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई क्योंकि उन्होंने बिना डिग्री व लाइसेंस के मरीजों का इलाज किया|
. स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किए है कि उन लोगों को अपनी मेडिकल पृष्ठभूमि और लाइसेंस प्रस्तुत करना होगा| जिनके पास यह नहीं है, उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी
4. नोडल अधिकारी और टीमों का गठन
. प्रशासन ने इस समस्या से निपटने के लिए संयुक्त टीमों की स्थापना की है जिसमें स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन शामिल है| ये टीम-छपेमारी, क्लिनिकों की जांच और अवैध गतिविधियों को पकड़ने का काम कर रही है|
. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ( CMO ) ने यह भी कहा है कि उन इलाकों में विशेष कार्रवाई होगी जहां झोलाछाप डॉक्टरों की शिकायतें ज्यादा है|