"आगरा में यमुना उफान पर, चंबल में तबाही! 38 गांव डूबे, प्रशासन अलर्ट"

आगरा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा, चंबल नदी में बाढ़,
ग्रामीण प्रभावित 


आगरा में यमुना नहीं का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है| पिछले तीन दिनों में गोकुल बैराज से 51 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है| इससे आगरा यमुना जलस्तर 489.3 फीट तक पहुंच गया है| हालांकि यह स्तर अभी खतरे के निशान से 5.7 फीट नीचे है| आगरा में यमुना में नदी का फ्लड लेबल 495 फिट तय है| सिंचाई विभाग ने कहा है कि अभी आगरा में बाढ़ का खतरा नहीं है, लेकिन स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है| 

गोकुल बैराज से छोड़ा जा रहा पानी, 24 घंटे निगरानी 

गोकुल बैराज पानी छोड़ना लगातार जारी है| सिंचाई विभाग ने यमुना नदी के जलस्तर की निगरानी के लिए कंट्रोल रूप स्थापित कर दिया है| विभाग के अधिकारी 24 घंटे जलस्तर पर नजर रखे हुए है| पिछले तीन दिनों में गोकुल बैराज से प्रतिदिन औसतन 17 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है| इससे यमुना नहीं में पानी बढ़ा है, लेकिन अब भी पानी तटों के अंदर ही है| 

चंबल नदी का जलस्तर भी बढ़ा , कई गांव डूबे 

चंबल नदी में भी उफान देखा जा रहा है| चंबल का जलस्तर 134 मीटर से घटकर 131 मीटर तक आ गया है, लेकिन अभी भी यह खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर बह रही है| आगरा जिले के बाह और पिनाहट क्षेत्रों के करीब 38 गांव बाढ़ की चपेट में है| इनमें से कई गांवों में मुख्य मार्गो पर पानी भर जाने से संपर्क टूट गया है| आगरा चंबल बाढ़ अपडेट लगातार प्रशासन की निगरानी में है| 

सैया क्षेत्र में पार्वती नदी में भी उफान 

सैया क्षेत्र से गुजरने वाली पार्वती नदी में भी उफान देखा गया है| प्रशासन ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है| हालांकि आगरा में फिलहाल बाढ़ अलर्ट की स्थिति नहीं बनी है| 

आगरा यमुना पानी खतरा अभी नहीं, लेकिन सतर्कता जारी 

यमुना नदी का जलस्तर फिलहाल आगरा यमुना पानी खतरा स्टार तक नहीं पहुंचा है| लेकिन यदि बारिश और गोकुल बैराज से पानी छोड़ने की गति बढ़ती है, तो स्थिति बिगड़ सकती है| प्रशासन लागतार स्थिति का मूल्यांकन कर रहा है| 

1978 में आई थी भयानक बाढ़, ताजमहल के तहखाने तक पहुंचा था पानी 

45 साल पहले, वर्ष 1978 में आगरा में बाढ़ समाचार सुर्खियों में रहा| उस समय ताजमहल के बेसमेंट तक पानी पहुंच गया था| तब यमुना नदी का जलस्तर 508 फीट तक पहुंचा था, जो अब तक का उच्चतम रिकॉर्ड है| इस बार यमुना का जलस्तर 489.3 फीट है, जो उस रिकॉर्ड से काफी नीचे है| 

1978 में बाढ़ का पानी कहा-कहा पहुंचा

. ताजमहल के निचले हिस्से में पानी घुस गया था|
. यमुना किनारे के सभी निचले इलाकों में बाढ़ आ गई थी| 
. रेलवे लाइन, सड़कों और गावों में पानी भर गया था| 

चंबल नदी में पानी का बहाव तेज 

आगरा चंबल बाढ़ अपडेट के मुताबिक, चंबल में पानी का बहाव तेज बना हुआ है| शुक्रवार को चंबल का जलस्तर 134 मीटर से घटकर 131 मीटर हो गया, लेकिन यह अब भी खतरे के निशान से ऊपर है| ग्रामीणों को सतर्क किया गया है| प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को हाई अलर्ट पर रखा है| 

आगरा चंबल बाढ़ अपडेट: फिलहाल राहत की उम्मीद 

विभागीय अधिकारीयों के अनुसार, आने वाले दिनों में यमुना नदी में पानी बढ़ा रह सकता है लेकिन यदि बारिश कम होती है तो स्थिति में सुधार की संभावना है| आगरा में बाढ़ अलर्ट फिर भी जारी रखा गया है ताकि कोई भी अनहोनी न हो| 

लोगों से सतर्कता बरतने की अपील 

आगरा यमुना जलस्तर और चंबल नदी का जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से नदी किनारे न जाएं| किसान और ग्रामीणों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है| 

आगरा में बारिश की संभावना 

1. संडे ( Sunday ) 3 अगस्त: सुबह हल्की बारिश और दोपहर में अधिक संभावना - थंडरशॉवर संग यूपी गतिविधि
2. मंडे ( Monday ) 4 अगस्त: सुबह शावर्स की उम्मीद है: दिन भर बादल छाए रह सकते है 
3. Tuesday 5 अगस्त, 6 अगस्त: दोपहर/ शाम में बारिश या शावर्स की गतिविधियां बनी रहेगी 
4. Thursday, 7 अगस्त: सुबह कही-कही तूफानी बारिश, दिन में बादल-छांव का मिश्रण रह सकता है 
5. Friday, 8 अगस्त: अधिकतर बादल छाए रहेंगे, हल्की बारिश की आशंका बनी रहेगी 

बाढ़ से बचाव के लिए कई उपाय और तैयारियां 

1. चेतावनी और अलर्ट सिस्टम 

. मौसम विभाग और जल संसाधन विभाग की फ्लड वार्निंग को समय से सुनें| 
. रेडियो, टीवी, मोबाइल ऐप, और सरकारी घोषणाओं से अपडेट लेते रहे|

2. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से समय रहते निकलना 

. यदि प्रशासन बाढ़ अलर्ट जारी करे तो तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाएं|
. ऊंची जगहों पर शरण ले| 

3. जरूरी सामान पहले से तैयार रखें 

. दवाइयां, जरूरी कागजात, मोबाइल चार्जर, टॉर्च, ड्राई फूड, पीने का पानी, कपड़े आदि इमर्जेसी किट में रखें| 

4. घर और आसपास की सफाई 

. जल निकासी के रास्तों को अवरूद्ध न करें 
. नालियों और गटर को साफ रखें| 

5. बांध, बैराज और जलाशयों की निगरानी 

. सिंचाई और जल संसाधन विभाग को बांधों और बैराजों से पानी छोड़ने की सही योजना बनानी चाहिए| 

6. समुदाय और प्रशासन का सहयोग 

. रेस्क्यू टीम, पुलिस, NDRF और अन्य एजेंसियों के निदेर्शों का पालन करें| 

7. बचाव के समय क्या करें 

. पानी भरे इलाकों में न जाएं|
. नाव या ऊंचे साधनों का उपयोग करे| 
. बिजली के खंभों और तारों से दूर रहे| 

आगरा में भी यमुना और चंबल बाढ़ के दौरान प्रशासन ने नाव, राहत सामग्री, अलर्ट जारी करना और गावों में निगरानी जैसे कई बचाव कदम उठाए है| 

एक टिप्पणी भेजें

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

और नया पुराने