आगरा: शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) द्वारा आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच बनाए जा रहे दूसरे कॉरीडोर के लिए यमुना नदी पर 350 मीटर लंबा भव्य पुल तैयार किया जाएगा। इस पुल पर मेट्रो नदी से 18 मीटर ऊंचाई पर दौड़ेगी। अधिकारियों के मुताबिक, पुल की डिजाइन पूरी हो चुकी है और जियोटेक्निकल सर्वे भी पूरा कर लिया गया है। उम्मीद है कि यह पुल अगले 15 से 18 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा।
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यमुना पर 350 मीटर लंबा पुल बनेगा |
दो कॉरीडोर पर चल रहा काम
- पहला कॉरीडोर ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा तक बनेगा।
- दूसरा कॉरीडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक बनेगा।
दूसरा कॉरीडोर पूरी तरह एलिवेटेड यानी जमीन से ऊंचाई पर रहेगा।
यमुना पर पुल के लिए 8 महीने चला सर्वे
वाटर वर्क्स और रामबाग स्टेशन के बीच यमुना पर बनने वाले पुल को लेकर तकनीकी टीम ने करीब 8 महीने तक सर्वे किया। इस दौरान नदी की भौगोलिक स्थिति, गहराई, मिट्टी की मजबूती और अन्य तकनीकी पहलुओं की गहराई से जांच की गई। सर्वे के आधार पर पुल की संरचना तय की गई।
40 मीटर गहराई तक होगी पाइलिंग
पुल की मजबूती और टिकाऊपन को ध्यान में रखते हुए इसमें विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
- पुल की लंबाई 350 मीटर
- ऊंचाई 18 मीटर
- चौड़ाई 10 मीटर
- पिलर के लिए 40 मीटर गहराई तक पाइलिंग
- पुल में स्टील का भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा
बिजली की लाइन बनी बाधा
पुल निर्माण में सबसे बड़ी अड़चन 33 केवी की हाईटेंशन लाइन बन रही है, जो वाटर वर्क्स से रामबाग के बीच गुजर रही है। चूंकि यह बिजली लाइन पुल के नीचे से ही गुजरती है, इसलिए इसे हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भारी मोटाई वाली केबल की मदद से यह लाइन पुल के नीचे से सुरक्षित तरीके से निकाली जाएगी।
अधिकारियों का क्या कहना है?
UPMRC के इंजीनियरों का कहना है कि पुल का निर्माण कार्य तय योजना के अनुसार तेजी से आगे बढ़ेगा। बारिश और अन्य तकनीकी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए काम की टाइमलाइन तय की गई है। यदि सब कुछ सही रहा तो आगरा मेट्रो का यह पुल अगले 15 से 18 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा।
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