आगरा। शहर का 50 साल से भी पुराना प्रसिद्ध शाहगंज बाजार आजकल अतिक्रमण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। यहां सड़क पर ठेल-ठकेल, अस्थायी दुकानों और अवैध पार्किंग के चलते ना केवल आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है, बल्कि बाजार की सुंदरता और व्यापार पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।
बाजार की तस्वीर बदल गई, दुकानदारों ने बढ़ाया कब्जा |
स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में दुकानों को 3 से 5 फीट तक आगे बढ़ा दिया गया है। नतीजतन, सड़कों पर ठेल-ठकेल और रेहड़ियों की भरमार हो गई है। इन अस्थायी दुकानों और कब्जों के कारण बाजार की सड़कें बेहद संकरी हो गई हैं। इसी वजह से शाम होते ही दूर-दराज से खरीदारी करने आए लोगों की गाड़ियां जाम में फंस जाती हैं और पैदल चलने तक की जगह नहीं बचती।
20 साल से चल रही अतिक्रमण की समस्या
व्यापारी विक्की बाबा ने बताया कि वे बीते 20 साल से इसी बाजार में व्यापार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण की समस्या नई नहीं है, लेकिन आज तक इस पर कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। दुकानों के आगे अतिक्रमण और बड़ी संख्या में ठेल-ठकेल खड़े होने से यहां हर दिन जाम की स्थिति बन जाती है। इससे ना केवल बाजार की सुंदरता खराब हो रही है, बल्कि व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।
ऑटो और ठेल-ठकेल से बिगड़ी यातायात व्यवस्था
बाजार में ऑटो वालों द्वारा मनमर्जी से वाहन खड़ा करने से भी स्थिति और बिगड़ जाती है। शाम के समय जब बाजार में भीड़ बढ़ती है, तो लोगों की गाड़ियां जाम में फंस जाती हैं। कई बार पैदल चलने वालों को रास्ता तक नहीं मिलता। इससे दूर-दराज से आने वाले ग्राहक परेशान होकर बिना खरीदारी किए लौट जाते हैं, जिसका सीधा असर दुकानदारों की बिक्री पर पड़ रहा है।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल
स्थानीय लोगों और व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन यदि समय रहते सख्ती से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता, तो आज शाहगंज बाजार की यह स्थिति नहीं होती। अब जरूरत है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए ताकि बाजार की पुरानी पहचान, सुंदरता और व्यवस्थित यातायात वापस लौट सके।