आगरा: सांप के डसने से दो बच्चों की मौत, मां की हालत गंभीर अंधविश्वर बना जानलेवा

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स्थान: मठ भवनई, थाना खेरागढ़, जिला आगरा, उत्तर प्रदेश
तारीख: 18 जून 2025

आगरा जिले के मठ भावनई गांव मै मंगलवार -बुधवार की रात एक हृदयविदारक घटना घटी, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला दिया| रात करीब तीन बजे विमलेश ( 32 वर्ष ) अपने दो बेटों कान्हा ( 8 वर्ष ) और रामू ( 5 वर्ष ) के साथ छत पर सो रही थी| उसी समय एक जहरीले सांप ने तीनों को काट लिया| 

विमलेश को सांप के डसने का एहसास हुआ और उन्होंने परिवार को जानकारी दी| परिवार ने पहले झाड़-फुंक करने वाले बाबा को बुलाया| बाबा ने पूरे परिवार पर मंत्र फुफकार दावा किया कि सब ठीक हो जाएगा| विमलेश की हालत बिगड़ने लगी तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया| लेकिन दोनों बेटों को सोता हुआ समझ कर बही छोड़ दिया गया|

आगरा के गांव में सांप के डसने से मां और बच्चों की 
हालत खराब, बाबा झाड़ - फूंक करता हुआ 

 

सुबह जब बच्चें को उठाने की कोशिश की गई, तो वे नहीं उठे| जब तक उन्हें लेकर अस्पताल भागे, जब तक बहुत देर हो चुकी थी| डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया|

सांप की पहचान और चिकित्सकीय पहलू 

गांव के लोगों ने बाद में एक सांप को पकड़ा और पहचान कि की यह कॉमन क्रेट था| यह भारत का सबसे खतरनाक सांपों में से एक है| इसका जहर न्यूरोटोक्सिक होता है, जो शरीर की तंत्रिकाओं को लकवा मार देता है| नींद की हालत में ही यह जान ले सकता है और अधिकतर मामलों में कोई चीख - पुकार तक नहीं होती|


अंधविश्वास बना मौत का कारण 

कान्हा ( 8 वर्ष ) और रामू ( 5 वर्ष ) 


यह घटना अंधविश्वास के घातक प्रभाव का एक और उदाहरण बन गई है| यदि बच्चों को भी मां के साथ तत्काल अस्पताल ले जाया गया होता, तो उनकी जान बच सकती थी| लेकिन "सो रहा है" समझकर झाड़ - फूंक में विश्वास किया गया, जिससे दो मासूमों की जिंदगी छीन गई| 

गांव के कई लोगों ने बताया कि आज भी आसपास के क्षेत्रों में लोग सांप काटने जैसे मामलों में डॉक्टर से ज्यादा ओझाओं और बाबाओं पर भरोसा करते है| 

सांप की पहचान: Common Krait

गांववालों ने जिस सांप को पकड़ा, उसकी पहचान "कॉमन क्रेट" के रूप में हुई। इसका जहर न्यूरोटॉक्सिन होता है, जो शरीर की नसों को लकवा मार देता है। नींद में यह जान भी ले सकता है। समय पर एंटीवेनम न मिले तो मौत तय मानी जाती है।

परिवार और गांव में शोक की लहर 

घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया| बच्चों के पिता मानपाल गोस्वामी का रो - रोकर बुरा हाल है| गांव में हर कोई स्तब्ध है कि कैसे एक रात ने पूरे परिवार की खुशियों को उजाड़ दिया| 

पड़ोसियों ने बताया कि बच्चे बेहद होशियार और मिलनसार थे| स्कूल में भी अच्छे नंबर लाते थे| गांव की प्रधान ने जिला प्रशासन से परिवार को मुआवजा देने की मांग की है 

स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी

स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने मौके पर जाकर परिवार से मुलाकात की और घटना की जांच शुरू की है| जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि यह घटना चेतावनी है कि सांप काटने के मामले में कोई देरी नहीं की जानी चाहिए 

सरकारी स्तर पर "सांप काटने की स्थिति में क्या करें" विषय पर गांवों में जागरूकता अभियान चलाने की बात कही गई है| 

क्या सीखा जा सकता है?

  • सांप काटने पर झाड़-फूंक के बजाय अस्पताल जाएं
  • 3 घंटे के भीतर एंटीवेनम ज़रूरी
  • बच्चों और ग्रामीणों को जानकारी देना ज़रूरी


निष्कर्ष 

आगरा में मां और दो बेटों को सांप ने काटा| अंधविश्वास के कारण बच्चों को अस्पताल नहीं ले जाया गया, जिससे उनकी मौत हो गई | यह घटना बताती है कि झाड़ फूंक से नहीं, समय पर इलाज से ही जान बच सकती है| ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बेहद जरूरी है| 



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