ताजमहल को युद्ध के दौरान क्यों और कितनी बार ढका गया - जानिए

 भारत - पाक के बढ़ते तनाव के बीच भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर दी| ऑपरेशन सिंदूर के बाद 7 मई को आगरा मै मॉक ड्रिल हुई| पूरे शहर मै जहां पुलिस - प्रशासन मुस्तैद है, बही ताजमहल को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गाहे|ताजमहल पर फिलहाल सुरक्षा के लिए अलावा CISF के जबान तैनात है, 

युद्ध के दौरान क्यों ढका जाता है ताजमहल 







ताजमहल प्रेम का प्रतीक और भारत की सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहर| हर साल लाखों पर्यटक इस अध्दुत संगमरमर की इमारत को देखने के लिए आगरा आते है| लेकिन बहुत कम लोग जानते है कि इतिहास मै ताजमहल को तीन बार ढका गया था, और वो भी युद्ध के समय| आइए जानते है कि क्यों और कब किया गया|


1. द्वितीय विश्व युद्ध ( 1942 )


1942 मै जब द्वितीय विश्व युद्ध अपने चरम पर था, भारत ब्रिटिश शासन था| उस समय जापान और जर्मनी के हमलों की आशंका थी| ऐसे मै ताजमहल को हमलों से बचाने के लिए बांस और लकड़ी की बल्लियों से एक नकली संरचना बनाई गई ताकि दुश्मन विमानों को यह महज एक गोदाम या सामान्य इमारत लगे|
इस सुरक्षा उपाय के कारण ताजमहल को कुछ महीने के लिए पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था|


2. भारत - पाक युद्ध ( 1965 )


1965 मै भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ा| उस समय भारत सरकार को डर था कि पाकिस्तान वायुसेना ताजमहल प हमला कर सकती है| इसे ध्यान मै रखते हुए ताजमहल को काले कपड़े और जालियों से ढक दिया गया, जिससे वह रात के समय मै दुश्मनों को नजर न आए| यह ढकाव अस्थायी था, लेकिन सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी था|


3. भारत - पाक युद्ध ( 1971 ) 


1971 मै फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ| यह युद्ध बंगलादेश की स्वतंत्रता के मुद्दे पर हुआ था| इस बार ताजमहल को हरे रंग के कपड़े से ढका गया जिससे यह आसपास के पेड़ो और हरियाली मै छिपा हुआ लगे| इस बार सुरक्षा और छलावे का स्तर अधिक था, ताकि आधुनिक विमानों और निगरानी से भी ताजमहल सुरक्षित रह सके|


4. क्या 2025 मै भी ढका गया? 


हां, 7 मई 2025 को मॉक ड्रिल के दौरान ताजमहल को हरे कपड़े से ढका गया, ताकि युद्धकालीन सुरक्षा गैयारियो को परखा जा सके| यह असली युद्ध नहीं बल्कि अभ्यास था|


जापान से भी था डर 


ताजमहल को सबसे पहले 1942 मै ढका गया था| उस समय जापानी वायुसेना के हवाई हमलों की आशंका थी जिसके चलते ताजमहल को बांस के ढांचे और हरे कपड़े से ढका गया था| 1965 मै ताजमहल को काले कपड़े से ढका गया था|




7 मई को ताजमहल को ढका गया था, यह सुरक्षा कारणों से नहीं, बल्कि एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल के तहत किया गया था|


मॉक ड्रिल के दौरान ताजमहल को ढकने का उद्देश्य 


भारत सरकार ने 7 मई 2025 को एक व्यापक नागरिक सुरक्षा अभ्यास ( मॉक ड्रिल ) आयोजित किया, जिसमें हवाई हमलों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयारियों का परीक्षण किया गया इस अभ्यास के तहत, प्रमुख राष्ट्रीय स्मारकों को छपाने के उपाय किए गए, ताकि युद्धकालीन परिस्थितियों मै उनकी सुनिश्चित की जा सके |



ताजमहल जो अपनी सफेद संगमरमर की चमक के लिए प्रसिध्द है, उसको हरे रंग के जुट के कपड़े से ढका गया, जिससे वह आसपास की हरियाली मै छिपा हुआ प्रतीत हो| इसके अतिरिक्त, स्मारक के चारों और झाड़ियों और टहनियों की व्यवस्था की गई, ताकि यह एक जंगल जैसा दिखे| इस दौरान, ताजमहल के आसपास की सभी लाइटे बंद का दी गई और पर्यटकों की पहुंच समित कर दी गई|


संरक्षण कार्यों के चलते आंशिक आवरण 


इसके अलावा,टी ताजमहल पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( ASI ) द्वारा चल रहे संरक्षण और सफाई  कार्यों के कारण भी स्मारक के कुछ हिस्सों पर मचान और कीचड़ का उपयोग किया जा रहा है| यह कार्य लगभग 2 से 3 वर्षों तक चलेगा, लेकिन पर्यटक अभी भी स्मारक के सुंदर दृश्य और तस्वीरें ले सकते है|


निष्कर्ष 


7 मई 2025 को ताजमहल को ढकने का मुख्य उद्देश्य मॉक ड्रिल के दौरान इसकी सुरक्षा का परीक्षण करना था, न कि किसी वास्तविक खतरे के कारण| वर्तमान मै, ताजमहल पर्यटक के लिए खुला है, और आप इसके सौंदर्य का आनंद ले सकते है, हालांकि कुछ हिस्सों पर संरक्षण कार्यों के चलते मचान दिखाई दे सकते है|



यदि आप ताजमहल के संरक्षण कार्यों, पर्यटक जानकारी या इतिहास से संबंधित और जानकारी चाहते है, तो कृपया बताएं |


एक टिप्पणी भेजें

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

और नया पुराने