मेट्रो निर्माण बना आगरा के लिए मुसीबत, बढ़ता प्रदूषण बना चिंता का विषय

आगरा मेट्रो निर्माण से बढ़ता वायु प्रदूषण: नगर आयुक्त ने UPMRC की लापरवाही पर जताई चिंता

आगरा, 31 मई 2025 – आगरा शहर में चल रहे मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्य को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। इस बार स्वयं नगर आयुक्त ने निर्माण कार्य में बरती जा रही लापरवाही पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) की ओर से पर्याप्त धूल नियंत्रण के उपाय नहीं किए जा रहे, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है।

आगरा मेट्रो निर्माण



नगर आयुक्त ने इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) को एक लिखित पत्र भेजकर तत्काल निरीक्षण एवं कार्रवाई की मांग की है।

UPMRC पर लापरवाही का आरोप

नगर आयुक्त ने मेट्रो निर्माण स्थलों का निरीक्षण करने के बाद यह पाया कि अधिकांश स्थानों पर न तो जल छिड़काव किया जा रहा है और न ही धूल के उड़ने से रोकने के लिए नेट कवर लगाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण सामग्री खुले में रखी जा रही है, जिससे हवा में प्रदूषक तत्व फैल रहे हैं।

नगर आयुक्त का बयान:
"शहर के लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम विकास के पक्षधर हैं, लेकिन पर्यावरण सुरक्षा के मानकों के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता।"

स्थानीय लोगों में बढ़ रहा आक्रोश

आगरा के निवासियों ने भी इस मुद्दे को लेकर नाराजगी जताई है। ताजगंज, सिकंदरा, एमजी रोड और संजय प्लेस जैसे क्षेत्रों के लोगों ने बताया कि सुबह और शाम के समय सड़कों पर धूल की मोटी परत जम जाती है। इससे लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं हो रही हैं।

स्थानीय निवासी दीपक शर्मा ने बताया,
"हमारे घर के बाहर लगातार मेट्रो का काम चल रहा है। सुबह उठते ही धूल और शोर से सामना होता है। बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा परेशान हैं।"

नगर निगम की पहले भी दी गई थी चेतावनी

आगरा नगर आयुक्त 










सूत्रों के अनुसार, नगर निगम ने पहले भी UPMRC को धूल नियंत्रण और जल छिड़काव जैसे उपायों को लागू करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके, स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ।

नगर निगम का कहना है कि अब यह मामला सिर्फ निर्माण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ा गंभीर मुद्दा बन चुका है।

क्या कहता है पर्यावरण विभाग?

UPPCB के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्हें नगर निगम से पत्र प्राप्त हुआ है और वे जल्द ही निरीक्षण कर कार्रवाई करेंगे। यदि UPMRC दोषी पाया जाता है, तो उनके खिलाफ जुर्माना और नोटिस जैसी सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों की राय

पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. सुनीता मिश्रा के अनुसार,
"मेट्रो जैसे बड़े निर्माण कार्यों में धूल नियंत्रण की व्यवस्था बेहद जरूरी होती है। यदि समय रहते इन उपायों को लागू नहीं किया गया, तो यह शहर के प्रदूषण स्तर को राष्ट्रीय औसत से ऊपर ले जा सकता है।"

समाधान क्या हो सकते हैं?

  • निर्माण स्थलों पर नियमित जल छिड़काव
  • धूल रोकने वाले नेट्स का उपयोग
  • निर्माण सामग्री को कवर करके रखना
  • कार्यस्थल पर ग्रीन बेल्ट का निर्माण
  • वाहनों की नियमित सफाई और टायर वॉशिंग सुविधा

निष्कर्ष

आगरा शहर की खूबसूरती और ऐतिहासिक धरोहरों को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि मेट्रो निर्माण कार्य पर्यावरणीय मानकों के अनुसार किया जाए। नगर आयुक्त की सख्ती से उम्मीद की जा रही है कि UPMRC अपने काम में सुधार करेगा और वायु प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएगा।


Today Newz Daily Dalna Team by Manoj Sharma 

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