आगरा में फर्जी शस्त्र लाइसेंस घोटाला: जैद की आपराधिक पृष्ठभूमि के बावजूद सकारात्मक रिपोर्ट पर उठे सवाल
आगरा में शस्त्र लाइसेंसों के दुरुपयोग और प्रशासनिक लापरवाही के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। मोहम्मद जैद, जो कि मुख्तार अंसारी से जुड़े रहे हैं, के आपराधिक इतिहास के बावजूद पुलिस ने उनके लाइसेंस के लिए सकारात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इससे प्रशासनिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और जिम्मेदारी पर सवाल उठ रहे हैं।
जैद की आपराधिक पृष्ठभूमि
मोहम्मद जैद के खिलाफ आगरा के विभिन्न थानों में सात से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें दंगा भड़काने, धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत मामले शामिल हैं। इसके बावजूद, उनके शस्त्र लाइसेंस के लिए पुलिस ने सकारात्मक रिपोर्ट दी, जो कि प्रक्रिया में गंभीर चूक को दर्शाता है।
प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल
जाहिद कुरैशी, जो कि जमात मस्जिद के चेयरमैन हैं, के खिलाफ भी असलाह लाइसेंसों की जांच शुरू की गई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है, जिससे आगरा में फर्जीवाड़े के मामलों में वृद्धि हो रही है।
फर्जी शस्त्र लाइसेंसों की बढ़ती घटनाएँ
हाल के वर्षों में, आगरा और आसपास के क्षेत्रों में फर्जी शस्त्र लाइसेंसों के मामलों में वृद्धि देखी गई है। पिछले साल लखनऊ में भी सीसीटीएनएस के जरिए शस्त्र लाइसेंस धारकों का आपराधिक रिकॉर्ड खंगालने पर 171 ऐसे लोग सामने आए थे जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले थे, बावजूद इसके उनके पास शस्त्र लाइसेंस थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक प्रक्रिया में गंभीर खामियाँ हैं।
पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी
पुलिस और प्रशासन को इन मामलों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा, शस्त्र लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और पारदर्शी और जिम्मेदार बनाना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।
आगरा में प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते फर्जीवाड़े के मामलों में वृद्धि हो रही है। पुलिस और प्रशासन को इन मामलों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।