एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा में कोविड पॉजिटिव बुजुर्ग की मृत्यु

 आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए 78 वर्षीय मरीज की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की निगरानी| जानिए पूरी खबर 

उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में एक 78 वर्षीय बुजुर्ग की कोविड-19 संक्रमण के दौरान मौत होने की खबर ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है| यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब राज्य सरकार कोविड की समाप्ति की बात कर रही थी| बुर्जुग फिरोजाबाद के निवासी थे और इलाज के लिए आगरा लाए गए थे|

यह मामला एक चेतावनी बनकर उभरा है कि कोरोना वायरस अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, और वृद्ध या पहले से बीमार लोगों के लिए अब भी खतरा बना हुआ है|

आगरा में कोविड केश मई 2025 

















कैसे बिगड़ी मरीज की तबीयत? 

मरीज को 24 मई फिरोजाबाद से आगरा स्थित सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज ( एसएन मेडिकल कॉलेज ) में लाया गया था| उन्हें सिर में चोट और कूल्हे की हड्डी टूटने की शिकायत थी| प्रारंभिक उपचार के दौरान 25 मई को मरीज को सांस लेने में दिक्कत हुई और ऑक्सीजन का स्तर गिरने लगा| 

डॉक्टरों ने तुरंत कोविड टेस्ट करवाया, जिससे रिपोर्ट पॉजिटिव आई| मरीज को कोविड आइसोलेशन वार्ड में शिप्ट कर दिया, जहाँ 27 मई की सुबह उनकी मृत्यु हो गई|

स्वास्थ्य स्थिति और अन्य बीमारियां 

मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, मरीज को पहले से कई गंभीर बीमारियां थी - 

जैसे:

1 सिर में खून का थक्का 

2. सीने में इन्फेक्शन 

3. हड्डी में फैक्चर 

4. पुरानी श्वसन संबंधी समस्याएं 

एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि कोविड संक्रमण के साथ- साथ इन बीमारियों मरीज की हालत को जटिल बना दिया था| उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोविड-19 संक्रमण ने मृत्यु में योगदान दिया, लेकिन एकमात्र कारण नहीं था|

परिवार का आरोप और प्रशासन की सफाई 

मरीज के परिवार वालों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप  लगाया है|परिजनों का कहना है कि इलाज में देरी की गई और ऑक्सीजन की पर्याप्त सुविधा समय पर नहीं मिली| हालांकि, एसएन मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि मरीज को आवश्यकतानुसार सभी चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान की गई| 

इस विवाद के बीच प्रशासन ने मामले की आंतरिक समीक्षा के आदेश दिए है|

जाँच और निगरानी की प्रक्रिया 

कोविड-19 की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मरीज के संपर्क में आए सभी परिजनों और रिश्तेदारों का परीक्षण कराया| फिरोजाबाद में मरीज के धारकों सैनिटाइज किया गया और आसपास के क्षेत्र को अस्थायी रूप से कंटोनमेंट जोन घोषित किया गया|

फिरोजाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ, रामबदन राम के अनुसार," अब तक मरीज के परिवार के सभी सदस्यों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है और स्थिति नियंत्रण में है|

कोविड प्रोटोकॉल फिर से सक्रिय  

इस मामले के बाद आगरा और फिरोजाबाद जिलों में कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल को दोबारा सक्रिय कर दिया गया है| इसमें शामिल है:

. बुखार या सांस की समस्या वाले मरीजों का आरटी-पीसीआर 

. अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टॉक की समीक्षा 

. ताजमहल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में मास्क और थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य 

राज्य सरकार ने निर्देश दिए है कि जिला स्तर पर कोविड नियंत्रण सेल फिर से सक्रिय किए जाएं|

स्वास्थ्य विभाग ने बढ़ाई सतर्कता 

इस घटना के बाद आगरा और फिरोजाबाद में कोविड प्रोटोकॉल को फिर से एक्टिव क्या गया है स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि बुखार, खासी,या सांस की दिक्कत वाले मरीजों का कोविड टेस्ट आवश्यक रूप से कराएं|

विशेषज्ञों की चेतावनी: वायरस गया नहीं है  

सीनियर वायरोलॉजिस्ट डॉ. रवि सक्सेना का कहना है, "कोविड अब एंडेमिक अवस्था में है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है वह पूरी तरह खत्म हो गया है| म्यूटेशन की संभावना अभी भी बनी हुई है, और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को खतरा है|"

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ऐसे मामलों को नजर अंदाज करना भविष्य में एक बड़ी लहर का कारण बन सकता है|

निष्कर्ष: सावधानी अभी भी जरूरी है 

यह घटना ने यह साबित कर दिया है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि इसकी मौजूदगी अब भी संभावित है, खासकर बुजुर्गों और बीमार लोगों में| सरकार, प्रशासन और आम जनता - सभी को अपनी भूमिका निभाने की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई नई लहर न आए|

सुझाव: यदि आप अपने या परिवार में किसी को खांसी, बुखार, या सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है, तो बिना देर किए कोविड टेस्ट करवाएं और डॉक्टर की सलाह लें|



Today Newz Daily Dalna Team by 
Manoj sharma 

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