करी पत्ता ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने में ही काम आता है बल्की स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। इन पत्तों के सेवन से रोजाना शरीर को कई लाभ हो सकते है.
नीम का नाम लेते ही कसैला स्वाद वाली पत्तियां आंखों के सामने घटती ही रहती हैं. हालांकि, आज हम एक ऐसे नीम के पत्तियों के बारे में बताएंगे जो अपनी महक से न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाते हैं और स्वाद को निखारते हैं, स्वास्थ्य को बढ़ाते हुए.आयुर्वेद में मीठी नीम की पत्ती या करी पत्ती को कई रोग नाशक कहा जाता है. पुराने समय से इसे कढ़ी में छौंक लेने के लिए इस्तेमाल किया जाता आया है, शायद इसलिए ही इसे करी पत्ता या कढ़ी लीफ भी कहा जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम है - मुराया कोएनिजी.ये बाकी आमतौर पर भारत और श्रीलंका में पाए जाते है. हमारे यहां दक्कन के राज्यों में ज्यादा मिलता है और शायद इसलिए और वही कारण है कि वहां की प्रत्येक डिश की ये शोभा लगाने वाला है। इस पौधे की ऊंचाई 2 से 4 Feet होती है. इसे बीज या छोटे-छोटे पौधों की सहायता से घर के बगीचे में या पॉट में लगा सकते हैं.
करी पत्ता का सेवन करने के फायदे
हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति में भी इसका उल्लेख किया गया है . आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि आजकल मधुमेह, रक्तचाप और अनियंत्रित दिनचर्या की वजह से पाचन, अनिद्रा आदि समस्याएं आम हो गई है. हालांकि करी पत्ता का नियमित सेवन करने से उपरोक्त सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.करी पत्ते के औषधीय गुणों पर वार्ता करते हुए पंजाब स्थित 'बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल' के प्रमोद आनंद तिवारी ने विस्तार से बताया. उन्होंने कहा, “करी पत्ते में विटामिन ए, बी, सी, ई के साथ साथ मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं.” आयुर्वेद के मुताबिक करी पत्ता सेहत के लिए ही नहीं वरदान साबित हो सकता है. यह आंखों के साथ त्वचा तंत्रिका संबंधी समस्याओं, पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज, वात, मधुमेह, रक्तचाप के साथ समस्याओं की भी दूर करने में सहित क्षमता है.”
उन्होंने आगे बताया, करी पत्ता आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. खाली पेट यदि इसे चबाया जाए तो आंख से भी जुड़ी कई समस्याएं दूर होती है. यह आंखों की मांसपेशियों को मिलता है आराम और फिर आंखें थकान न महसूस करे.”
यह पाचन प्रक्रिया को भी सहायक होता है जिससे वात, कब्ज जैसी समस्या को दूर करने में सहायक होता है. मीठी नीम का पत्ता पाचक रसों के स्राव को बढ़ाता है जिससे भोजन का पाचन और आसानी से हो जाता है. इसमें मौजूद फाइबर पेट को साफ रखने में समर्थता देता है और कब्ज को दूर करता है.
आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि संक्रमण की समस्या का भी करी पत्ता दुश्मन है. उन्होंने कहा,” मीठी नीम में एंटीबैक्टीरियल की क्षमता होती है, जिसका सेवन संक्रमण से बचाव कर सकता है.”
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