"आगरा में यमुना जलस्तर 493.5 फीट, खतरे के पास"

"यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर आगरा में खतरे के करीब"


आगरा मै यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है| ताजा आंकड़ों के अनुसार, जलस्तर 493.5 फीट तक पहुंचे गया है, जो कि खतरे के निशान ( 495 फीट ) से केवल 1.5 फीट नीचे है| हाल ही में मथुरा के गोकुल बैराज से दो दिनों में लगभग 39,600 लाख लीटर पानी छोड़ गया, जिससे नदी का बहाव तेज हो गया है| 

यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब लगातार बारिश हो रही हो और आसपास के इलाकों से भी पानी यमुना में मिल रहा हो| प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी किया है और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है| 

गोकुल बैराज से पानी छोड़ने का असर 

गोकुल बैराज से छोड़े गए पानी का सीधा असर आगरा में देखने को मिल रहा है| तेज बहाव और बढ़ते जलस्तर ने नदी किनारे बसे गांवों में चिंता बढ़ा दी है| 
. पानी छोड़ने से नदी के निचले हिस्सों में पानी का दबाव बढ़ जाता है| 
. बाढ़ संभावित इलाकों में पानी तेजी से फैल सकता है| 
. पुराने कमजोर तटबंध टूटने का खतरा बढ़ जाता है| 

निचले क्षेत्रों में पानी का प्रवेश 

गोकुल बैराज से छोड़े गए पानी का असर आगरा के निचले क्षेत्रों में साफ दिखाई दे रहा है| फतेहाबाद और बाह क्षेत्र में नदी किनारे बसे गांवों के खेतों तक पानी पहुंच गया है| इससे बाजरा और तिल की फसलों पर संकट मंडरा रहा है| खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो रहा है जिससे किसानों को भरी नुकसान की आशंका है| 

35 गांवों पर बाढ़ का खतरा 

यमुना नदी का उफान बाह और उसके आसपास के 35 गांवों में चिंता का विषय बन गया है| इन गांवों में पानी भरने से ग्रामीणों का आवागमन बाधित हो सकता है| विशेष रूप से तराई क्षेत्रों के खेतों में पानी घुसने से कृषि कार्य प्रभावित हो रहे है| बाजरा, तिल और अन्य खरीफ फसलों की पैदावार पर गंभीर असर पड़ सकता है| 

बटेश्वर घाट और स्नानागार डूबे 

पानी के बढ़ने स्तर ने बटेश्वर के घाट और वहां के महिला स्नानागार को भी डुबा दिया है| प्रशासन और तीर्थ स्थल ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सीढ़ियों से उतरकर यमुना नदी में स्नान न करे| बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव को देखते हुए यमुना स्नान पर प्रतिबंध और चेतावनी जारी की गई है| 

किनारे के गांवों में बड़ी  चिंता 

यमुना का जलस्तर बढ़ने से तराई के गांव जैसे - 
रामपुर चंद्रसेनी, बलाई, सुंसार, बिठौली, विक्रमपुर घाट, चारीथा. गढ़ी बरेली, बाग गुढ़ियाना के ग्रामीण चिंतित है| इन गांवों के नदी से जुड़े रास्तों पर सबसे पहले पानी भरता है, जिससे लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है| ग्रामीण लगातार नदी के जलस्तर पर नजर बनाए हुए है| 

प्रशासन की तैयारियां  

डीएम अरविंद मल्लप्पा ने कहा, 
"यमुना के जलस्तर पर लगातार नगर रखी जा रही है| प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और किसी भी व्यक्ति को परेशानी न हो, इसकी पूरी तैयारी की गई है|" 

बचाव दल और आपदा प्रबंधन की टीमें संवेदनशील गांवों में तैनात कर दी गई है| नावों और रेस्क्यू उपकरणों की व्यवस्था पहले से कर ली गई है| ग्रामीणों को चेताया गया है कि वे नदी किनारे या निचले इलाकों में न जाएं और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन पर संपर्क करे| 

किसानों की चिंता बढ़ी 

बाढ़ के पानी ने खेतों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है| खासतौर पर बाजरे और तिल की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है| तराई क्षेत्रों में खड़ी फसलों के डूबने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होने का खतरा है| कई किसान पहले ही चंबल की बाढ़ में नुकसान झेल चुके है और अब यमुना का उफान उनकी मुश्किलें दोगुनी कर रहा है| 

मौसम विभाग की चेतावनी 

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटों में आगरा और आसपास के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार है| अगर बारिश तेज होती है, तो यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है| 

मौसम विभाग की सलाह 

. निचले इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थान पर चले जाएं| 
. बच्चों और बुजुर्गों को पानी भरे इलाकों से दूर रखें| 
. प्रशासन के निदेर्शों का पालन करें| 

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया 

स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में यमुना का पानी काफी तेजी से बढ़ा है| कई लोग अपने घरों से जरूरी सामान निकालकर ऊंचे स्थानों पर जा रहे है| किसानों को भी फसल को नुकसान होने का डर है| 

बाढ़ आने से पहले करे? 

बाढ़ जैसी आपदा में घबराने के बजाय पहले से तैयारी करना जरूरी है| 

बाढ़ से पहले 

. जरूरी दस्तावेज, नकद, और जरूरी दवाइयां सुरक्षित जगह रखें|
. बैटरी से चलने वाला रेडियो और टॉर्च साथ रखे|
. पीने का साफ पानी स्टोर करें| 

बाढ़ के दौरान 

. प्रशासन और मौसम विभाग की जानकारी पर नजर रखे| 
. पानी भरे इलाकों में जाने से बचे| 
. बिजली के उपकरणों को बंद रखे| 

बाढ़ के बाद 

. घर लौटने से पहले सुरक्षा जांच कर लें|
. पीने के पानी को उबालकर ही उपयोग करे| 
. सफाई के दौरान दस्ताने और मास्क पहनें| 

निष्कर्ष 

आगरा में यमुना का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से 1.5 फीट नीचे है, लेकिन गोकुल बैराज से छोड़े गए पानी और आने वाले दिनों में संभावित बारिश के कारण हालात गंभीर हो सकते है| ऐसे में प्रशासन, मौसम विभाग और स्थानीय लोगों की सतर्कता ही नुकसान को कम कर सकती है| 


Sita Sharma

स्वतंत्र लेखिका और ब्लॉगर लोकल न्यूज, मौसम अपडेट और ट्रेडिंग खबरों पर लिखना पसंद करती हैं

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