आगरा में बनी 21 फीट की गणेश प्रतिमा, कीमत सुनकर रह जाएंगे दंग !

आगरा में 21 फीट की गणेश प्रतिमा 


गणेश चतुर्थी का पर्व नजदीक आते ही पूरे देश में तैयारियों की धूम मच जाती है| आगरा भी इससे अछूता नहीं है| इस बार आगरा में गणेश उत्सव बेहद खास होने वाला है क्योंकि यहां स्थापित की जाने वाली 21 फीट ऊंची विशाल गणेश प्रतिमा सबका ध्यान अपनी ओर खींचे रही है| यह प्रतिमा कोलकाता के कारीगरों द्वारा खास बंगाल की मिट्टी से बनाई गई है, जिसकी भव्यता देखते ही बनती है| 

नामनेर में मूर्तियों की हलचल: गणेश उत्सव आगरा 2025

आगरा के नामनेर इलाके में गणेश चतुर्थी से पहले मूर्तियों का सबसे बड़ा बाजार सजता है| यहां दूर-दूर से लोग प्रतिमाएं खरीदने आते है| कारीगरों का कहना है कि ज्यादातर प्रतिमाएं बनकर तैयार हो चुकी है, अब बस रंग-रोगन और सजावट का अंतिम काम चल रहा है| 

कारीगर विकास दास बताते है कि वह कई वर्षों से मूर्तियां बना रहे है और इस बार उन्होंने अब तक की सबसे बड़ी प्रतिमा बनाई है| उनका कहना है कि भले ही बड़ी मूर्तियां आकर्षण का केंद्र होती है, लेकिन आम लोग माध्यम आकार  की प्रतिमाओं को ही ज्यादा पसंद करते है| इसी वजह से बाजार में माध्यम आकार की प्रतिमाओं की भरमार है| 

कीमत 200 रुपए से 1.70 लाख तक 

बाजार में उपलब्ध प्रतिमाओं की कीमतें आकार और सजावट के हिसाब से तय की गई है| 

. छोटी प्रतिमाएं मात्र 200 रुपए से शुरू हो जाती है| 
. घरों और दुकानों के लिए माध्यम आकार की प्रतिमाएं 2000 से 15 हजार रुपए तक मिल जाती है| 
. जबकि विशाल पंडालों में सजने वाली बड़ी प्रतिमाओं की कीमत 50 हजार से 1.70 लाख रुपए तक पहुंच जाती है| 

इस बार बनाई गई 21 फीट की गणेश प्रतिमा की कीमत 1.70 लाख रुपए रखी गई है, जिसे बड़े गणेश मंडलों ने पहले बुक कर लिया है| 

27 अगस्त से शुरू होगा गणेश उत्सव 

आगरा में गणेश उत्सव 27 अगस्त से शुरू होगा| शहर के बल्केश्वर और सदर क्षेत्र के नौलखा पंडाल में इस बार 21 फीट की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी| पंडालों के सजाने के लिए विशेष लाइटिंग और सजावट का इंतजाम किया जा रहा है| 

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार उत्सव पहले से भी ज्यादा भव्य होगा| परिवार और समाज के लोग मिलकर पंडालों में कार्यक्रम आयोजित करेंगे| 

कोलकाता की मिट्टी से बनी प्रतिमाओं का आकर्षण 

मूर्तिकार विकास दास, जी मूल रूप से बंगाल से है, पिछले 50 सालों से प्रतिमाएं बनाने का काम कर रहे है| वे बताते है कि उन्होंने इस बार प्रतिमाएं कोलकाता की विशेष मिट्टी से बनाई है| उनका कहना है कि बंगाल की मिट्टी से बनी प्रतिमाएं ज्यादा आकर्षक और पारंपरिक होती है| 

इसी वजह से आगरा और आसपास के शहरों में इनकी मांग बढ़ी है| लोग इन प्रतिमाओं को अधिक पसंद करते है क्योंकि इनमें कला और परंपरा दोनों का संगम दिखाई देता है| 

कला और आस्था का संगम 

गणेश प्रतिमा का निर्माण सिर्फ एक व्यवसाय नहीं बल्कि आस्था और भावना से भी जुड़ा है| मूर्तिकार महीनों पहले से मिट्टी, बांस और सजावटी सामग्री जुटाकर काम शुरू कर देते है| वे हर प्रतिमा को बनाने में पूरी श्रद्धा और भावनाएं डालते है| 

जब प्रतिमा पर रंग चढ़ता जाता है और उसे आभूषणों से सजाया जाता है तो वह और भी जीवंत लगने लगती है| भक्तों का कहना है कि इन मूर्तियों को देखकर लगता है मानो सच में गणपति बप्पा हमारे बीच आ गए हों| 

सोशल मीडिया पर छा गई 21 फीट की प्रतिमा 

इस बार तैयार की गई 21 फीट की गणेश प्रतिमा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे है| लोग इसे देखकर अपनी श्रद्धा और उत्साह व्यक्त कर रहे है| कई स्थानीय संगठन उर गणेश मंडल इसे देखने के लिए आतुर है| सोशल मीडिया पर पर भी "आगरा की विशाल गणेश प्रतिमा" चर्चा का विषय बनी हुए है| 

रोजगार का बड़ा साधन ( Today News Agra ) 

गणेश उत्सव सिर्फ धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि स्थानीय कारीगरों और कारोबारियों के लिए रोजगार का बड़ा अवसर भी है| मूर्तिकारों के अलावा रंग-रोगन करने वाले, फूलवाले, लाइटिंग लगाने वाले और मिठाई बनाने वाले सभी को इस पर्व से काम मिलता है| 

अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार उत्सव से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और स्थानीय बाजार में अच्छी खासी रौनक देखने को मिलेगी| 

आगरा का गणेश उत्सव क्यों है खास? 

1. पहली बार आगरा में 21 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा स्थापित की जाएगी| 

2. प्रतिमा कोलकाता की पारंपरिक मिट्टी से तैयार की गई है| 

3. कीमत 200 रुपए से लेकर 1.70 लाख रुपए तक की प्रतिमाएं उपलब्ध है| 

4. 27 अगस्त से पूरे शहर में उत्सव की शुरूआत होगी| 

5. सोशल मीडिया पर पहले ही इस प्रतिमा को लेकर जबरदस्त उत्साह है| 

विसर्जन की तारीख और शुभ मुहूर्त 

गणेश चतुर्थी दसवें दिन अनंत चतुर्दशी पर बप्पा को विदा किया जाता है| इस बार दिन 6 सितंबर 2025 ( शनिवार ) को पड़ रहा है| 

विसर्जन मुहूर्त ( पंचांच अनुसार ) 

1. सुबह का मुहूर्त: प्रात: 09:30 बजे से 11:45 बजे तक 

2. दोपहर का मुहूर्त: दोपहर 01:15 बजे से 03:00 बजे तक 

3. शाम का मुहूर्त: 05:15 बजे से रात्रि 08:30 बजे तक 

भक्त इन समयों में पंडालों और घरों से बप्पा की शोभायात्रा निकालकर उन्हें विसर्जन के लिए ले जाएंगे| 

आगरा में विसजर्न कहां होगा? 

पिछले कुछ वर्षों से यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोज लगा दी गई है| प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आदेश जारी किया है कि मूर्तियों का विसर्जन सीधे नदी में नदी होना| 

अब विसर्जन गोगा कृत्रिम जलाशयों में 

1. हाथी घाट - यहां बड़े स्तर पर पंडालों की मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा|

2. पोईया घाट - शहर के बीचों-बीच स्थित यह स्थान भक्तों के लिए सुविधाजनक रहेगा| 

3. बल्केश्वर घाट - यहां विसजर्न के लिए कृत्रिम टैंक बना गए है| 

4. सदर और मायागंज क्षेत्र - छोटे पंडालों और घरेलू मूर्तियों के लिए मोबाइल टैंक और तालाब उपलब्ध कराए जाएंगे| 

शोभायात्रा और विसर्जन रूट 

गणेश विसर्जन के दौरान शहर में जगह-जगह से बप्पा की झलकियां निकलेगी| प्रमुख मार्ग इस प्रकार रहेंगे: 

. बल्केश्वर - कैलाश - पोईया घाट मार्ग 
. सदर - नयागंज - हाथी घाट मार्ग 
. कमला नगर - संजय प्लेस - बल्केश्वर मार्ग 

प्रशासन ने ट्रैफिक डाइवर्जन की योजना भी तैयार कर ली है ताकि भीड़भाड़ में अव्यवस्था न फैले| 

प्रशासन की विशेष तैयारी 

. विसर्जन स्थल पर एनडीआरएफ और गोताखोरों की तैनाती होगी| 

. ड्रोन कमरों से शोभायात्रा की निगरानी होगी| 

. भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस और यातायात पुलिस की अतिरिक्त टीमें लगेगी|

. नगर निगम द्वारा विशेष मोबाइल टैंक और कृत्रिम तालाब तैयार किए जा रहे है| 

. मूर्तियों को पर्यावरण - अनुकूल तरीके से विसर्जित करने पर जोर दिया जा रहा है| 




Sita Sharma

स्वतंत्र लेखिका और ब्लॉगर लोकल न्यूज, मौसम अपडेट और ट्रेडिंग खबरों पर लिखना पसंद करती हैं

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