आगरा की सड़क पर दौड़ा करंट: मेले की लापरवाही से मचा हड़कंप

 स्थान: आगरा, ट्रांस यमुना कॉलोनी 

दिनांक: 10 जुलाई 2025

बिजली का करंट दौड़ता तार आगरा की सड़क पर, मेला


आगरा में लगातार हो रही वारिश के बीच एक खतरनाक हादसा टल गया| ट्रांस यमुना कॉलोनी के बी ब्लॉक में मेला लगाने के दौरान लापहवाही बरतने से बिजली का करंट दौड़ता तार सड़क पर गिर गया| इस हादसे ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है| गनीमत रही कि कोई व्यक्ति या जानवर इसकी चपेट में नहीं आया, वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था| 

क्या है मामला? 

ट्रांस यमुना कॉलोनी के बी ब्लॉक में पिछले कुछ दिनों से एक मेला आयोजित किया गया है| इसके लिए ठेकेदार द्वारा सड़क किनारे पेड़ और खंभों पर अस्थायी बिजली कनेक्शन लगाए गए| बुधवार रात भारी बारिश के दौरान इन्हीं तारों में से एक बिजली की लाइट टूटकर सड़क पर गिर गई

वह तार पूरी तरह करंट से भरा हुआ था और सड़क पर घंटों तक चिंगारी फेंकता रहा| लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला और तुरंत इसकी शिकायत भी की, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे|

ठेकेदार की लापहवाही 

स्थानीय लोगों ने बताया कि मेला आयोजक और बिजली का कम देख रहे ठेकेदार ने सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी की है| उन्होंने करंट वाले कटे तारों को पेड़ पर लटका दिया था, जहां दिन में बच्चे खेलते है राहगीर निकलते है| और गाय भी घूमती रही थी| 

यह न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि खतरनाक भी| लोगों का कहना है कि शिकायत करने के बावजूद न तार हटाए गए, न कोई चेतावनी बोर्ड लगाए गए| 

स्थानीय लोगों में आक्रोश 

लोगों का कहना है कि वे वर्षों से इस इलाके में रह रहे है लेकिन पहली बार 31 दिनों का मिला लगाया गया है| पहले कभी इतने लंबे समय तक आयोजन नहीं हुआ| स्थानीय निवासियों का आरोप है कि कुछ दबंग लोगों ने प्रशासन से अनुमति लेकर नहीं, बल्कि दबाव और पैसे के बल पर पार्क पर कब्जा कर मेला लगवाया है| बच्चों के खेलने के मैदान को झूलों और दुकान से पूरी तरह घेर दिया गया है| 

लोगों ने विरोध किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई| 

31 दिन की अनुमति कैसे मिली? 

सबसे बड़ा सवाल यही है कि मेले के लिय 31 की अनुमति आखिर कैसे मिल गई? 

ठेकेदार का दावा है कि उसके पास वैध अनुमति है, लेकिन न तो उसने सार्वजनिक रूप से कोई प्रमाण दिखाया, न ही प्रशासन की ओर से इसकी पुष्टि हुई है कि इतने लंबे समय के लिए किसने, कब और क्यों अनुमति दी| 

स्थानीय निवासियों की मांग है कि: 

. अनुमति पत्र सार्वजनिक किया जाए
. बिजली विभाग और नगर निगम की भूमिका की जांच हो
. मेले को तुरंत हटाया जाए
. जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए 

बच्चों और जानवर के लिए जान का खतरा, पार्क पर कब्जा 

पार्क में जहां पहले बच्चे खेलते थे, वहां अब झूले, दुकान और जनरेटर लगा दिए है| दिनभर शोरगुल रहता है और रात में बिजली की चकचौंध से बुजुर्ग और बीमार लोगों को तकलीफ हो रही है| 

लोगों ने बताया कि बिजली के तार खुले पड़े है, कही भी कोई सुरक्षा कवच नहीं लगाया गया है| बच्चों को पार्क में जाने से मन कर दिया गया है, लेकिन सवाल ये है कि क्या सार्वजनिक स्थल किसी के निजी आयोजन के लिए इतने लंबे समय तक बंद किया जा सकता है? 

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल 

घटना के 24 घंटे बीत जाने के बावजूद बिजली विभाग और नगर निगम का कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे है| स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन अभी तक न कोई कार्रवाई हुई है, न ही किसी अधिकारी ने स्पष्टीकरण दिया है|

Sita Sharma

स्वतंत्र लेखिका और ब्लॉगर लोकल न्यूज, मौसम अपडेट और ट्रेडिंग खबरों पर लिखना पसंद करती हैं

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