हरितालिका तीज का महत्व
हरितालिका तीज मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य की कामना के लिय रखा जाने वाला व्रत है| अविवाहित कन्याएं भी अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति हेतु इस व्रत को करती है| इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती है और रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन में लीन रहती है| नेपाली समाज में यह पर्व अत्यंत आस्था और लल्लास के साथ मनाया जाता है|
कार्यक्रम का शुभारंभ
आयोजित का संचालन श्री लाखन परिहार ने किया| कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री मिट्ठू के.सी ने की जबकि उपाध्यक्ष श्री सतेंद्र दसौंदी और महिला विभाग की अध्यक्ष श्रीमती देवी शाह मुख्य रूप से मंचासिन रही|
कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया| इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय सदस्य श्री ध्रुव शाहा, केंद्रीय पार्षद श्री राम बहादुर के. सी , महिला विभाग अध्यक्षा देवी शाह सहित समाज के अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे|
विशिष्ट अतिथि एवं सम्मान
विशेष अतिथि के रूप में श्री धर्मपाल सिंह ( विधायक ) उपस्थित रहे| उन्होंने नेपाली समाज की समस्याओं को सुनने और समाधान करने का आश्वासन दिया| साथ ही समाज की एकता और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने पर बल दिया|
समारोह में मौजूद गणमान्य लोगों में
1. ध्रुव शाह ( केंद्रीय सदस्य )
2. राम बहादुर के. सी ( केंद्रीय पार्षद )
3. देवी शाह ( महिला विभाग अध्यक्षा )
4. मिट्ठू के.सी ( अध्यक्ष )
5. सतेंद्र दासौदीं ( उपाध्यक्ष )
6. प्रकाश शर्मा ( पूर्व अध्यक्ष )
श्रीमती चंदा पुन, श्रीमती लक्ष्मी धरती, श्रीमती बसंता, श्रीमती कोपिला परिहार, श्रीमती बेली शर्मा , श्रीमती रम्मी, श्रीमती मंजू, श्रीमती कुमारी आदि सभी महिला पदाधिकारियों ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाया|
व्रत एवं पूजा अनुष्ठान
इस अवसर पर महिलाओं ने निर्मला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की| मंदिर प्रांगण में विशेष श्रृंगार और पूजा सामग्री की व्यवस्था की गई थी| महिलाएं पांरंगरिक नेपाली परिधान लाल साड़ी, लाल चूड़ा और पोते ( मंगलसूत्र ) धारण कर सजी-धजी दिखाई दी|
व्रत कथा का पाठ हुआ और सामूहित रूप से शिव-पार्वती विवाह की झांकी भी प्रस्तुत की गई| महिलाएं समूह में पारंपरिक मंगलगीत गाती रही और पूजा के बाद एक-दूसरे को हरितालिका तीज की शुभकामनाएं दी|
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| महिलाओं सांस्कृतिक करते हुए |
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
हरितालिका तीज पर्व सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं रहा बल्कि इसमें सांस्कृतिक विविधता का भी रंग देखने को मिला| नेपाली महिलाओं और युवतियों ने अपने पारंपरिक भाषा और वेशभूषा में नृत्य-गीत प्रस्तुत किए|
सांस्कृतिक कार्यक्रम में
. सामूहिक झुमरी और भक्ति गीत
. पारंपरिक नेपाली लोगगीत पर नृत्य
. महिलाओं द्वारा हरितालिका तीज विशेष गीत
कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया|
समाज की एकजुटता
मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज की स्थापना वर्ष 1979 में हुई थी| तब से यह संस्था लगातार नेपाली समाज के कल्याण, शिक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण और एकता के लिए कार्यरत है| समिति के पदाकारियों ने कहा कि हरितालिका तीज जैसे आयोजनों से समाज की एकजुटता बढ़ती है और नई पीढ़ी को पानी संस्कृति से जोड़ने का अवसर मिलता है|
अतिथियों का संबोधन
. श्री ध्रुव शाह ने अपने संबोधन में कहा कि नेपाली समाज हमेशा एकता, भाईचारे और परंपराओं के लिए जाना जाता है|
. श्री राम बहादुर के.सी ने युवाओं को शिखा और संस्कारों पर ध्यान देने की अपील की|
. श्रीमती देवी शाह ने महिला विभाग की ओर से सभी महिलाओं को बधाई दी और भविष्य में भी ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की निरंतरता का संकल्प लिया|
सामूहिक मंगलकामना
हरितालिका तीज कार्यक्रम में शामिल सभा महिलाओं ने मिलकर यह प्रार्थना की कि
. पति की लंबी आयु और परिहार की सुख-समृध्दी बनी रहे|
. समाज में एकता और भाईचारा कायम रहे|
. नई पीढ़ी अपनी संस्कृति को न भूले|
समापन
कार्यक्रम का समापन सामूहित नृत्य-गीत और प्रसाद वितरण के साथ हुआ| समिति के पदाधिकारियों ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को और भव्य रूप से करने की घोषणा की|
आगरा में आयोजित यह हरितालिका तीज कार्यक्रम सिर्फ धार्मिक आयोजन ही नहीं बल्कि यह नेपाली समाज की एकता, संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रदर्शन भी रहा| महिलाओं ने व्रत, पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से इस पर्व को विशेष बना दिया|
यह आयोजित इस बात का प्रमाण है कि परदेश में रोकर भी नेपाली समाज अपनी जड़ों और परंपराओं से गहराई से जुड़ा हुआ है|

