तुलसी और पीपल की पूजा क्यों की जाती है और क्या है इसका महत्व जानिए यहां

 मान्यता है इन पेड़ों की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से सारे देवी-देवता प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी कृपा बनी रहती है. इसके अलावा क्या कुछ जुड़ा है पीपल और तुलसी की पूजा से जानते हैं...


















हिन्दू धर्म के पवित्र पेड़ पौधे कई ऐसे हैं जिन्हें देवी-देवताओं की भांति पूजा जाता है. क्योंकि इनमें देवी-देवताओं का निवास होता है, ऐसी मान्यता है. जैसे भगवान विष्णु का वास केले में माना जाता है, देवी लक्ष्मी का तुलसी में और शनि देव का पीपल के पेड़ में. मान्यता है ये पेड़ मान्यता है इन पेडों की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते है और उनका आशीर्वाद मिलता है. इसके अलावा किसी से कुछ भी जुड़ा है पीपल और तुलसी की पूजा से आइए जानें आगे आर्टिकल में...


पीपल को शांति मिलती है


धार्मिक ग्रंथों में पेड़-पौधों में सभी देवी-देवताओं व पितरों का वास माना गया है. इसलिए लोग इनकी पूजा-भोग करते हैं. साथ ही यह भी माना जाता है की पूजा करने से पितरों को शांति मिलती है |


शनि देव प्रसन्न होते है 


यह भी मान्यता है कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाने से शनि देव कृपया होते हैं। छ: महीने बाद ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से मुक्ति मिलती है.

वहीं आप शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं तो शनिदेव की कृपा होती है. साथ ही आप शनिदेव के कुदगनम से भी बचे रहते है. इससे उनका कृपा आप पर बना रहता है


आध्यात्मिकता बढ़ती है 


तुलसी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिकता को प्रोत्साहन मिलता है. तुलसी एक ऐसा पौधा है जिसका घर में रखने से घर-खुशियों से भर जाता है.


ग्रह दोष दूर होते है 


आपको बता दें कि तुलसी जी कलयुग की ऐसी देवी है जिन्हें आप छुएं. इनकोहर दिन जल चढ़ाने से ग्रहदोष समाप्त होता है और देवी लक्ष्मी का आपके घर में वास होता है.


सेहत के लिए लाभकारी 


इसके साथ ही तुलसी की पत्तियों से हमारी सेहत का भी बहुत फायदा होता है. इसका काढ़ा पीने से सर्दी जुकाम बुखार में राहत मिलती है. यह औषधि की तरह काम करती हैं.







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